umeshshashtri15.com +91 7415507532

पितृदोष पूजा

पितृदोष की पूजा पंडित उमेश गुरुजी के दुवारा

अगर किसी ज्योतिषी ने या जानकार ने आपकी कुंडली में पितृदोष होने की बात कही है तो घबराएं नहीं. उससे बचने का उपाय है और वाे भी बहुत आसान. जानिये क्या है उपाय

  • पितृदोष की पूजा पूरी विधि विधान से साथ उज्जैन मे करवाए।उज्जैन में सिद्धवट में पितृदोष पूजा करने से सभी दोषो का निवारण हो जाता है।
  • यह पितृ दोष किसी पूर्वज द्वारा मर्यादा भंग करने से होते हैं।
  • इनके कारण जातक आर्थिक संकट, विभिन्न कार्यों में बाधा, विवाहादि में रुकावटें, पारिवारिक झगड़े, अपमान, अपयश, दोषारोपण, पारिवारिक सदस्यों का बार-बार बीमार होना, आय न होना, व्यापार/व्यवसाय में घाटा होना, नौकरी आदि में बार-बार परेशानियां आना आदि दोष उत्पन्न होते हैं।

पितृदोष दोष क्या है ?

‘सीमा' एक ऐसा शब्द जिससे पूरी दुनिया जुड़ी हुई है और प्रभावित भी होती है। प्रत्येक वस्तु, प्रत्येक प्राणी इस शब्द से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है, सभी की अपनी एक सीमा होती है, एक मर्यादा होती है। जब इस सीमा का, इस मर्यादा का उल्लंघन किया जाता है तो अहित ही होता है, बर्बादी ही होती है। उदाहरण के तौर जल को ही लीजिए, जब तक जल अपनी मर्यादा में है, अपनी सीमा में है हम सभी के लिए प्राण देने वाला है, परन्तु यदि जल अपनी सीमाओं को लांघकर समुद्र से निकलकर शहर में आ जाए, उसकी लहरें मकानों को ध्वस्त कर दें, तो क्या होगा? हवा, जब तक मध्यम रूप में बह रही है हमारी श्वासें चल रही हैं, हवा अपनी सीमाओं को लांघ जाए, अपनी मर्यादा छोड़ दे, अपना अनुशासन त्याग दे, तो क्या होगा? आंधी और तूफान, चारों ओर हाहाकार ही हाहाकार । अतः यह तो स्पष्ट है कि प्रत्येक वस्तु, प्रत्येक प्राणी एक सीमा में, एक मर्यादा में है, अनुशासन में है तब तक ही वह सबके लिए उत्तम है। यह बात हमारे घर परिवार व धार्मिक संस्कारों पर भी लागू होती है। घर-परिवार के सदस्य सीमाओं का उल्लंघन करें, मर्यादा को ताक में रख दें तो क्या होगा, इस कारण परिवार के प्रत्येक सदस्य को कष्ट उठाना ही पड़ेगा। एक घर-परिवार का अनुशासन टूटेगा, मर्यादा भंग होगी तो इसका प्रभाव आस-पास के घरों में, मौहल्ले में और समाज पर भी निश्चित रूप से पड़ेगा। इसी प्रकार परिवार के मुखिया द्वारा जो सत्कर्म एवं दुष्कर्म किए जाते हैं उसका फल उसके बाद उसके पारिवारिक सदस्यों को भुगतना पड़ता है विशेषकर संतान को। यह फल अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी, यह तो उस मुखिया के किए गए कर्मों पर निर्भर करता है। यदि परिवार के मुखिया द्वारा अच्छे कार्य किए गए हैं तो निश्चित रूप से वह अपने परिवार को सम्पन्नता एवं प्रसन्नता दे पाएगा। यदि उसने अनैतिक एवं दुराचार ही किए हैं तो वह अपने परिवार को अपमान एवं घृणा के अतिरिक्त और क्या दे सकता है। इस प्रकार के दुष्परिणाम ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष के नाम से जाने जाते हैं। यह पितृ दोष किसी पूर्वज द्वारा मर्यादा भंग करने से होते हैं। इनके कारण जातक आर्थिक संकट, विभिन्न कार्यों में बाधा, विवाहादि में रुकावटें, पारिवारिक झगड़े, अपमान, अपयश, दोषारोपण, पारिवारिक सदस्यों का बार-बार बीमार होना, आय न होना, व्यापार/व्यवसाय में घाटा होना, नौकरी आदि में बार-बार परेशानियां आना आदि दोष उत्पन्न होते हैं। पितृ दोष के कारण घर के सदस्यों को स्वप्न में सर्प भी दिखाई दे सकते हैं।


पितृदोष निवारण के उपाय-

1. यदि कोई व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है तो उससे छुटकारा पाने के लिए उसे किसी भी अमावस्या, पूर्णिमा या पितृ पक्ष में श्राद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की तृप्ति होती है और व्यक्ति को धन और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है।

2. इसके अलावा घर की महिलाएं रोज नहाने के बाद ही किचन में खाना बनाने जाती हैं। गाय को सबसे पहले रोटी और उस पर गुड़ खिलाना चाहिए।

3. साथ ही घर में पीने के पानी की जगह को हमेशा साफ रखें। इसे पूर्वजों का स्थान माना जाता है। पितृ दोष पूजा उज्जैन भी पितृ दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।

4.घर में कभी-कभी गीता पाठ करवाते रहना चाहिए।

5।ब्राहमण भोजन में खीर अवश्य बनाए।


शासकीय संस्कृत महाविधायल से उपाधि प्राप्त पंडित उमेश गुरुजी से आज अपनी कुंडली दिखाये ओर पितृदोष के बारे मे अधिक जाने व उसका निवारण पूरे विधि विधान से उज्जैन मे करवाए, अपनी पूजा के लिए कॉल करे 08305753846 पर ।